सभी समस्‍याओं का है एक समाधान : सात मुखी रुद्राक्ष- के महत्त्व, लाभ एवं धारण मंत्र

रुद्राक्ष के बीजों में सात मुखी रुद्राक्ष को सबसे ज्‍यादा शुभ माना जाता है। इस रुद्राक्ष पर धन की देवी मां लक्ष्‍मी की कृपा बरसती है। सात नंबर को अंकज्‍योतिष में सबसे ज्‍यादा भाग्‍यशाली अंक माना जाता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्‍यक्‍ति कला में निपुण बनता है और उसे सौंदर्य, सुख और प्रसिद्धि की प्राप्‍ति होती है। इस रुद्राक्ष के स्‍वामी ग्रह शुक्र देवता होते हैं इसलिए इस रुद्राक्ष को धारण करने से शुक्र से संबंधित सभी दुष्‍प्रभाव दूर हो जाते हैं।

सात मुखी रूद्राक्ष की सतह पर सात ऊर्ध्वाधर रेखाएं (मुख) होती हैं, इस रूद्राक्ष का प्रतिनिधित्व स्वयं माँ लक्ष्मी द्वारा किया जाता है , जैसा की हमारे पुराणों में वर्णित है माँ लक्ष्मी धन धान्य का प्रतिनिधित्व करती है, उनका आसान कमल का पुष्प है, उनके ऊपर हाथियों द्वारा लगातार जल की वर्षा की जाती रहती है, जो दर्शाता है की माँ लक्ष्मी की कृपा से मनुष्य अपनी पुरानी यादो से बाहर आकर वर्तमान में जीवन जीना प्रारम्भ करता है और दिन प्रतिदिन अपनी परेशानियों से ऊपर उठते हुए एक नयी दुनिया का निर्माण करता है।

व्‍यापारियों, नौकरीपेशा, वक्‍ता और लेखकों को ये रुद्राक्ष सबसे अधिक लाभ पहुंचाता है। सात नदियों से संबंधित होने के कारण इस रुद्राक्ष को धारण करने से समुद्र जैसी शांति और कोमतला की प्राप्‍ति होती है। अगर आप आर्थिक तंगी या किसी मानसिक विकार से परेशान हैं तो इस रुद्राक्ष को आप धारण कर सकते हैं। पूरे विधि-विधान के बाद लाल धागे में पिरोकर 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण से इसका पूर्ण फल प्राप्‍त होता है।

सात मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह से समन्धित है, शुक्र ग्रह हमारे भौतिक सुखो की वृद्धि करते हुए हमें प्यार और धन की नई उचाईया प्रदान करता है। सात मुखी रूद्राक्ष मनका पहनने वाले को कई शक्तियां प्रदान करता है। धारक किसी प्रकार के विषाक्तता से प्रभावित नहीं है। चोरी, नशीली दवाओं के दुरुपयोग, व्यभिचार से उत्पन्न पापों को निकालता है। इसे धारण करने वाले को छिपा खजाना मिल सकता है। विपरीत लिंग की तरफ से आकर्षण को बढ़ाता है, दुश्मनों और उनकी शक्ति को अशक्त बनाता है, देवी महालक्ष्मी की कृपा का पात्र बनता हैं। दुर्भाग्य हटाता है स्वास्थ्य और धन प्रदान करता है।

7 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है?

7 मुखी रुद्राक्ष उन सभी लोगों द्वारा पहना जाता है जो जीवन में बाधाओं का सामना करते हैं और विफलताएं प्राप्त करते हैं. शुक्र धोशा वाले लोगों द्वारा सात मुखी भी पहनी जाती है. सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति नाम, प्रसिद्धि और धन की प्रचुरता के साथ जीवन में तेजी से प्रगति करता है.


सात मुखी रूद्राक्ष के महत्त्व:
१. शुक्र, शनि और राहु ग्रह के बुरे प्रभाव को कम करता है।
२. पहनने वाले की भौतिक सुखो में अचानक गिरावट को दूर करता है।
३. सात मुखी रुद्राक्ष धारक को समृद्धि, खुशी और संतोष देता है।
४. यह शुक्र, शनि और राहु के नकारात्मक प्रभाव और विपत्तियों को शांत करता है।


सात मुखी रुद्राक्ष के लाभ
१. सात मुखी रुद्राक्ष, व्यापारी वर्ग, प्रशाशनिक अधिकारियों इत्यादि को उनके कार्य क्षेत्र में नई उचाईया प्रदान करता है।
२. धारक को सभी दुखो से दूर करता है और उन्हें सकारात्मक बनाता हैु
३. यह रुद्राक्ष धारक के लिए धन, किस्मत और प्यार सम्बन्धी नए अवसर प्रदान करता है।
४. इसे पहनने से धारक की बुद्धि का विकास होता है, एकाग्रता और तर्क शक्ति बढ़ती है।
५. यह रुद्राक्ष धारक को मन की शांति, धन-दौलत और रिश्ते में सामंजस्य देता है।


सात मुखी रुद्राक्ष के चिकित्स्कीय लाभ:
१. यह पाचन तंत्र के कामकाज को विनियमित करता है, अपच का इलाज करता है, गैस की समस्या को दूर करता है।
२. सात मुखी रुद्राक्ष कमर दर्द में राम बाण की तरह कार्य करता है और जोड़ो के दर्द जैसे रोगो से मुक्ति दिलाता है।
३. मोटापा दूर करता है।
४. सात मुखी रुद्राक्ष पेट, जिगर, अग्न्याशय और अधिवृक्क ग्रंथि की बीमारी को कम करता है।
५. सात मुखी रुद्राक्ष नपुंसकता, पैर रोग, श्वसन विकार और पुरानी बीमारियां दूर करने में सहायक है।

सात मुखी रुद्राक्ष के लाभ

  • पेट और लिवर से संबंधित रोगों में लाभ मिलता है।
  • एसिडिटी, गंभीर पाचन रोग और गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल समस्‍या में भी 7 मुखी रुद्राक्ष फायदा पहुंचाता है।
  • नपुंसकता, यौन समस्‍या और स्‍पर्म की संख्‍या को बढ़ाने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है।

7 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

  • करियर और व्‍यापार में लाभ पाने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है।
  • मुश्किल परिस्थिति में भाग्‍य का साथ पाने हेतु इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं।
  • घर से गरीबी दूर करने और आर्थिक रूप से संपन्‍नता पाने के लिए सात मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है।
  • शनि की कुदृष्टि से बचने एवं शनि देव को प्रसन्‍न करना है तो आप सात मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं।
  • जोड़ों में दर्द और मानसिक तनाव से ग्रस्‍त व्‍यक्‍ति को भी सात मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
  • 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को बहुत सारा धन और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • यह नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाता है और नौकरी में पदोन्नति को सक्षम बनाता है।
  • यह पहनने वाले को किसी भी प्रकार की मानसिक, शारीरिक और मौद्रिक समस्याओं से बचाता है।
  • 7 मुखी रुद्राक्ष शनि (शनि देव) के बुरे प्रभाव को दूर करता है और साढ़े साती दशा के दौरान बहुत उपयोगी होता है।
  • यह व्यवसायी के लिए सफलता और धन लाता है।
  • सात मुखी रुद्राक्ष व्यापार, सेवा और करियर जैसे जीवन के सभी क्षेत्रों में धन देता है जिससे समृद्धि और खुशहाली आती है।
  • यह रुद्राक्ष गुड फॉर्च्यून, बढ़ी हुई मुनाफे, वित्तीय सुरक्षा, रचनात्मकता और संवर्धित अंतर्ज्ञान को भी आकर्षित करता है।
  • यह प्राचीन वैदिक ग्रंथों के अनुसार, विशेष रूप से गठिया के कारण उत्पन्न मांसपेशियों के दर्द का इलाज और कम करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • यह रुद्राक्ष शनि और उसके “साढ़े सती” काल के पुरुष प्रभाव को जीतने में मदद करता है।
  • पहनने वाले को वैवाहिक सुख मिलता है। यौन शक्ति बढ़ाता है और विपरीत लिंग को आकर्षित करें।

सात मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य को लाभ

  • प्राचीन वैदिक ग्रंथों के अनुसार, सात मुखी रुद्राक्ष को नपुंसकता, पैर की बीमारियों, श्वसन विकार और पुरानी बीमारियों जैसे शनि से प्रेरित रोगों के इलाज में बहुत प्रभावी माना जाता है।
  • प्राचीन वैदिक ग्रंथों के अनुसार, 7 मुखी रुद्राक्ष अस्थमा, लकवा, नपुंसकता, पैरों से संबंधित बीमारियों, कमजोरी, पेट दर्द, मिर्गी, मंदता, गर्भपात, महिलाओं में समस्याओं, गठिया, शुक्राणुओं की शुद्धि और प्रवाह के उपचार में बेहद फायदेमंद है। ओजस (दिव्य ऊर्जा), श्वसन संबंधी विकार आदि।

सात मुखी रुद्राक्ष कैस करें धारण

सात मुखी रूद्राक्ष कैस करें धारण

सात मुखी रुद्राक्ष के दो बीजों को एक काले रंग के धागे में पिरोकर धारण कर सकते हैं।

किस दिन करें सात मुखी रुद्राक्ष धारण

7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे अच्‍छा दिन सोमवार या शनिवार है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में इसे धारण करें।

सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के नियम

  • सुबह और शाम कम से कम 9 बार ‘ ऊं हूं नम:’ मंत्र का जाप करें।
  • रुद्राक्ष को धारण करने के बाद झूठ ना बोलें और शराब, मांस आदि का सेवन ना करें।
  • सोमवार और शनिवार के दिन शिव मंदिर जाएं या घर पर ही इन दिनों पर शिव की उपासना करें।

रुद्राक्ष पहनकर क्या नहीं करना चाहिए?जानिए कब और किसे धारण नहीं करना चाहिए ‘रुद्राक्ष’

  1. करते हैं मदिरा का सेवन तो न पहनें: अगर आप मदिरा या तामसिक भोजन के सेवन के शौकीन हैं और उन्हें छोड़ नहीं सकते तो फिर आपको रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। …
  2. सोते समय उतार दें रुद्राक्ष: सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए

7 मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें?

पद्म पुराण के अनुसार 7 मुखी रुद्राक्ष के मुखो में अनंत, कर्कट, पुण्डरीक, तक्षक, शंखचूड़,वशोशिबन व करोष आदि का वास होता है इसलिए धारणकर्ता सर्पभय से मुक्त हो जाता है। इसमें ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वराही, इन्द्राणी, चामुंडा नामक सप्तमातृका भी वास करती है जो धारणकर्ता पर सभी सांसारिक सुखों की वर्षा करती है।


राशि विशेष:
मकर और कुम्भ राशि वाले जातको के लिए ये रुद्राक्ष विशेष रूप से उत्तम माना जाता है।

सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि

पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठें और सात मुखी रुद्राक्ष को एक थाली में रखें। इसक बीजों पर चंदन का पेस्‍ट लगाएं और 108 बार इस मंत्र का जाप करें :


सात मुखी रुद्राक्ष मन्त्र:
७ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मन्त्र है:
“ॐ हूँ नमः”
“ॐ महालक्ष्मी नमः”
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥”

क्या मैं 7 मुखी रुद्राक्ष पहन सकता हूँ?

सात मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को अच्छा स्वास्थ्य और धन मिलता है। सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति व्यवसाय और सेवा में अधिक उन्नति प्राप्त कर सकता है। जो लोग शरीर, स्वास्थ्य, वित्त और मनोवैज्ञानिक तंत्र से संबंधित दुखों से पीड़ित हैं, उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।

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जय महाकाल।।

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